पेंशनरों का जीवित प्रमाणपत्र कलेक्टेट कोषागार में बनाये गये सम्बंधित पटल पर 01 नवम्बर से 20 दिसम्बर तक अवश्य जमा करें

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मुख्य कोषाधिकारी शिवेन्द्र सिंह ने बताया है कि कलेक्ट्रेट कोषागार के समस्त पेंशनरों/पारिवारिक पेंशनरों को सूचित किया जाता है कि यद्यपि अब जीवित प्रमाण पत्र (LC/DLC) पूरे वर्ष भर किसी भी कार्यदिवस में प्रस्तुत/प्रेषित किये जाने की व्यवस्था है, जो कि आगे 01 वर्ष के लिए मान्य रहता है तथापि जिन पेंशनरों का जीवित प्रमाण-पत्र नवम्बर/दिसम्बर 2022 में जमा ह®ना अपेक्षित है, वे दिनांक 01 नवम्बर से 20 दिसम्बर 2022 तक प्रत्येक कार्यदिवस में पूर्वान्ह 10ः00 बजे से अपरान्ह 2ः00 बजे तक क¨षागार भवन के सम्मुख प्रांगण में बाएँ से दाएँ क्रमांकित संबंधित प्राप्ति-पटल पर जमा कर सकते हैं। पेंशनरांे की सुविधा के दृष्टिगत पेंशनरों सेे वार्षिक जीवित प्रमाण पत्र प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है, जिसके अन्तर्गत पटल संख्या-1 पर समस्त दिव्यांग/अशक्त पंेशनर, पटल संख्या-2 पर महिला पंेशनर, पटल संख्या-3 खिड़की संख्या-1 पर बेसिक शिक्षा पंेशनर, पटल संख्या-4 खिड़की संख्या-2 पर माध्यमिक शिक्षा पंेशनर, पटल संख्या-5 खिड़की संख्या-3 पर उच्च शिक्षा पंेशनर, पटल संख्या-6/खिड़की संख्या-4 पर सिविल पंेशनर, पटल संख्या-7/खिड़की संख्या-5 पर सिविल पंेशनर, पटल संख्या-8/खिड़की संख्या-6 पर सिविल पंेशनर, पटल संख्या-9 पर अन्य राज्य/रेलवे/राजनैतिक पंेशनर, पटल संख्या-10 पर पुलिस विभाग, पटल संख्या-11 पर विद्युत विभाग, पटल संख्या-12 पर विधायक पेंशन/न्यायिक सेवा/अखिल भारतीय सेवा के पेंशनर अपना जीवित प्रमाणपत्र जमा कर सकते है।
पेंशनर के पहचान हेतु निम्न अभिलेखों में से कोई एक अभिलेख लाया जाना आवश्यक है यथा कोषागार द्वारा निर्गत पेंशनर परिचय पत्र/फोटोयुक्त पेंशन भुगतान आदेश/आधार कार्ड/वोटर आईडी कार्ड/बैंक पासबुक जिसमें प्रबन्धक द्वारा प्रमाणित फोटोग्राफ लगी हो। नये पेंशनर/पारिवारिक पेंशनर जिनकी पेंशन प्रारम्भ हुए साल भर नही हुआ है, उनको जीवित प्रमाण पत्र साल बीतने के बाद जिस माह पेंशन प्रारम्भ हुई है, उसी माह में जीवित प्रमाण पत्र जमा करना होगा। मानसिक रूप से विक्षिप्त व गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त, चलने फिरने में असमर्थ पेंशनरों को, भीड़ से बचने के लिए अपरान्ह तीन बजे के उपरान्त आने की सलाह दी जाती है। ऐसे असमर्थ पेंशनरों को मुख्य कोषाधिकारी, प्रयागराज को सम्बोधित प्रार्थना पत्र (जिसमें उनका पता व मोबाइल नम्बर भी अवश्य दर्ज हो) के आधार पर उनके घर जाकर देखने की भी व्यवस्था है। पेंशनर उत्तर प्रदेश में स्थित उस बैंक के शाखा प्रबंधक को भी जीवित प्रमाण पत्र दे सकते है जिसमें उनका पेंशन खाता है, इसी क्रम में प्रदेश के बाहर निवास करने वाले पेंशनर अपने रहने के स्थान पर स्थित उस बैंक में, जहाँ उनका पेंशन खाता खुला हो, शाखा प्रबंधक से प्रमाणित करा कर मूल बैंक शाखा, जहाँ उनकी पेंशन आहरित कर कोषागार द्वारा भेजी जाती है, के माध्यम से अथवा सीधे स्पीडप¨स्ट से कोषागार को उपलब्ध करा सकते है। इसी प्रकार विदेश में रहने वाले पेंशनर भारतीय दूतावास के माध्यम से कोषागार को जीवित प्रमाण पत्र उपलब्ध करा सकते हैं। पेंशनर निजी स्मार्टफ¨न/कम्प्यूटर-इन्टरनेट-बाॅय¨मीट्रिक डिवाइस के माध्यम से जेनरेट/रेमिट कर अथवा अपने निकटस्थ जनसुविधा-केन्द्र/साइबरकैफे आदि जाकर अथवा अपने एरिया के प¨स्टमैन/ग्रामीण डाक सेवक क¨ घर बुलाकर अपना डिजिटल जीवन प्रमाण-पत्र (DLC) कोषागार को आॅनलाइन जीविन प्रमाण पोर्टल पर उपलब्ध करा सकते हैं। जीवित प्रमाण पत्र वर्ष में कभी भी जमा किया जा सकता है जो कि जमा करने की तिथि से वर्षभर प्रभावी बना रहेगा। ऐसी स्थिति में पेंशनर को माह नवम्बर या दिसम्बर में ही जीवित प्रमाणपत्र जमा करने की बाध्यता नही है। जीवित प्रमाण पत्र (LC/DLC) प्रस्तुत/प्रेषित किये जाने के समस्त विकल्प सदैव उपलब्ध हैं। जीवित प्रमाण पत्र फार्म पूर्णतया निःशुल्क है। जो कि प्रत्येक कार्य दिवस में कोषागार से प्राप्त किया जा सकता है। समस्त पेंशनर से अनुरोध है कि जीवित प्रमाण पत्र भरते समय बैंक का नाम, शाखा का नाम, बैंक खाता संख्या का मिलान करते हुए सही-सही भरा जाये तथा वह सुस्पष्ट एवं पठनीय हो। ताकि कम्प्यूटर में प्रविष्टि करते समय कोई असुविधा न हो, क्योंकि उपरोक्त प्रविष्टियों के आधार पर जीवित प्रमाण पत्र के अंकन की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
नोटः पेंशनर किसी को भी मोबाइल पर अपना अपना पेंशन/बैंक खाता विवरण या ओ0टी0पी0 न बतायें, सतर्कता व सावधानी बरत कर अपनी पेंशन व खुद को सुरक्षित रखें।

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