इलाहाबाद विश्वविद्यालय दृश्य कला विभाग मास्टर फाइन आर्ट के छात्र अजय कुमार गुप्ता ने नाग पंचमी के दिन अपने कला के माध्यम से शिव जी का भव्य रूप बनाया। शिवजी के यह भव्य आकृति उन्होंने कैनवस पर ऐक्रेलिक कलर के माध्यम से बनाई है । यह आकृति देख सब दर्शकों का मन मोह रहा है अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि यह आकृति एक घनवाद शौली का रूप है जो फॉरेन के मशहूर आर्टिस्ट घनवादी कलाकार पाब्लो पिकासो (Pablo Picasso ) पेंटिंग को देखकर प्रेरणा मिली है। उन्हों ने बताया की पिकसो तीक्ष्ण रेखाओं का प्रयोग करके घनवाद को जन्म दिया। पिकासो की कलाकृतियां मानव वेदना का जीवित दस्तावेज हैं।वर्ष 1909 में पिकासो ने कला के क्षेत्र में ‘घनवाद’ का प्रवर्तन किया। और विश्व के सभी देशों में इसने युवा कलाकारों को प्रभावित किया। और आज मैंने भवान शिव और माता पार्वती को घनवाद के रूप पर रूप में बनाया है ।सावन के महीने पर बनाया अजय कुमार गुप्ता (सैंडआर्टिस्ट) इलाहाबाद विश्वविद्यालय दृश्य कला विभाग मास्टर ऑफ फाइन आर्ट का छात्र हूं। मैं छात्र के साथ-साथ एक समाजसेवी भी हुँ और अपनी कला सैंड आर्ट के माध्यम से लोगों को जागरूक करता रहता हूं। चाहे वह कोई भी खास दिवस या अवसर हो जैसे पर्यावरण दिवस जल दिवस वन दिवस ,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पृथ्वी दिवस स्वच्छ गंगा निर्मल गंगा स्वच्छता अभियान स्वच्छ भारत गंगा यात्रा प्रयागराज दिव्य कुंभ भव्य कुंभ वृक्षारोपण महाकुंभ पर मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी के आगमन पर गंगा बचाओ अभियान विकलांग दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन पर ऐसे कई शुभ अवसरों पर सैंड आर्ट कर चुका हुँ। मैं कई साल से अपने कला सैंड आर्ट के माध्यम से लोगों को जागरुक कर रहा हूं l करोना के बचाव के हेतु सैंड आर्ट के माध्यम से मास्क पहने सैनिटाइजर का प्रयोग संदेश दिया था । हाल ही में 2020 मैंने कोरोना वायरस पर एक बड़ा और भव्य सैंड आर्ट बनाकर यूनाइटेड किंगडम से वर्ल्ड रिकॉर्ड किया। जिसमे मुझे जीत हसील हुआ और ऐैसे कई जगह मुझे पुरुस्कार मिला है जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय लेवल का है। मैने अपने अपने प्रयागराज व इलाहाबाद विश्वविद्यालय दृश्य कला विभाग नाम रोशन किया है।
- मैं इसका श्रेय अपने प्रमुख प्रोफेसर अजय जेटली सर को देता हूं। उन्होंने हमारा मनोबल हमेशा से ही बढ़ाया है और हमें मार्गदर्शन दिया है। साथ धर्मेंद्र सर का आभार प्रकट करता हुँ । हर इंसान की कामयाबी के पीछे किसी ना किसी का हाथ होता है जिससे उस इंसान का मनोबल हमेशा बढ़ता है ठीक उसी तरह हमारी कामयाबी के पीछे मेरे पिताजी अशोक कुमार गुप्ता, माताजी निर्मला देवी और अनूप कुमार गुप्ता की वजह से है। जिन्होंने हमारा मनोबल हर एक दिन बढ़ाया है । मैं अपने परिवार का बहुत बहुत आभार प्रकट करता हुँ । साथ ही मैं अपने मित्र मनोज कुमार का बहुत आभार प्रकट करता हुँ जो हमारा हमेशा सहयोग करते है। मैं वॉल पेंटिंग भी करता हूं।और साथ साथ मूर्तियों (sculpture) पर भी भी काम करता हूं। चाहे वह फाइबर की मूर्ति हो या पीओपी की या मिट्टी की। आप सब हमसे संपर्क भी कर सकते है।