देश भर में हुए उपद्रव व प्रदर्शन के बाद पिछले शुक्रवार को हर तरफ अफरा तफरी के माहौल और धरपकड़ के बाद इस शुक्रवार को शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक शान्ति के साथ जुमे की नमाज़ अदा हो गई।जुमे की नमाज़ को लेकर जहाँ प्रशासन का पुरा अमला जगहा जगहा मुस्तैद रहा वहीं ओलमाओं खानकाहों दरगाहों और सज्जादानशीनों और मुतावल्लीयों व सामाजिक तन्ज़ीमों की अपील भी कारगर साबित हुई।सामाजिक व धार्मिक संस्था उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ चौक जामा मस्जिद ,चक शिया जामा मस्जिद ,रौशनबाग़ की शाह वसीउल्ला मस्जिद दायरा शाह अजमल की खानकाह मस्जिद ,करैली की बीबी खदीजा मस्जिद ,अटाला मोमिनपुर की बड़ी मस्जिद के साथ साथ शहर की सभी छोटी बड़ी मस्जिदों मे पेश इमामों की क़यादत मे शान्ति और सदभाव के साथ जुमा की नमाज़ सकुशल सम्पन्न हुई।मेजा रोड मस्जिदे मदीना मे मौलाना व खतीब अब्दुल कलाम की शान्ति की अपील का असर रहा की लोग नमाज़ खत्म होने के बाद सीधे अपने घरों को रवाना हो गए।वहीं शाह वसीउल्ला मस्जिद के इमाम अहमद मकीन, मस्जिद ए बीबी खदीजा करैली के पेश इमाम मौलाना ज़रग़ाम हैदर ,मस्जिद क़ाज़ी साहब बख्शी बाज़ार मे इस वक़्त इमामत की ज़िम्मेदारी सम्भाल रहे मौलाना शज़ान हैदर रिज़वी व मुतावल्ली शाहरुक़ क़ाज़ी ,दायरा शाह अजमल खानकाह के पेश इमाम मौलाना शमशेर आज़म समेत दरियाबाद ,करैली ,अटाला ,रसूलपूर ,बैदनटोला ,बख्शी बाज़ार ,अकबरपुर ,सिविल लाइंस, सदर बाज़ार ,म्योर रोड बेली ,स्टैनली रोड ,मिन्हाजपुर ,शाहगंज ,बरनतला ,सब्ज़ीमण्डी ,हटिया,बहादुरगंज ,दायरा शाह अजमल ,रानीमण्डी ,समदाबाद ,के साथ अन्य सभी छोटी बड़ी मस्जिदों मे शान्ति और सदभाव के साथ नमाज़ ए जुमा अदा हुई। मस्जिदों ,खानकाहों ,दरगाहों ,इबादतखानो और मदरसों से बुधवार और ब्रहस्पतिवार को ही यह ऐलान कर दिया गया था और अपील भी जारी कर दी गई थी के किसी भी क़ीमत पर शहर का माहौल आलूदगी की भेंट न चढ़ने पाए।यह भी कहा गया था की जुमा का दिन अल्लाह ने खास इबादत के लिए मुकर्रर किया है ऐसे मे शरपसन्दो के बहकावे मे कोई न आए मस्जिद के मुक़देसा और हुरमत को किसी भी क़ीमत पर पामाल न किया जाए।मस्जिद के तक़द्दुस को बरक़रार रखें।नमाज़ पढ़ कर अपने अपने घरों या कारोबारी अपने कारोबार की तरफ रुजू हों।ज़िला इन्तेज़ामिया का हर मुमकिन सहयोग करें गंगा जमुनी तहज़ीब के शहर को कलंकित कत्तई न करे।इस अपील का असर यह हुआ की शहर से लेकर गाँव देहात और कस्बों तक मे जुमे की नमाज़ शान्तिपूर्ण तरीक़े से अदा हो गई।