उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता को नौ साल पुराने मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने दोषी करार दिया है। दोषी मंत्री नंदी को एमपी/एमएलए कोर्ट ने एक साल के कारावास की सजा सुनाई और 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माना न भरने की स्थिति में नंदी को 10 दिन और कारावास में बिताना होगा। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान मंत्री नंदी के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत मुट्ठीगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। बता दें कि कोर्ट ने मंत्री नंदी को मुचलके और जमानत पर रिहा भी कर दिया है।
पूरा मामला 3 मई 2014 से जुड़ा है। तत्कालीन सपा सांसद और सपा के उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की जनसभा मुठ्ठीगंज इलाके में चल रही थी। मंत्री नंदी पर रेवती रमण सिंह की जनसभा में हमला करने का आरोप था। उस वक्त कांग्रेस पार्टी से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों ने जनसभा में हंगामा किया। सपा समर्थकों की लाठी-डंडों से पिटाई की। आरोप है कि नंद गोपाल गुप्ता नंदी के उकसाने पर उनके समर्थक हिंसक हो गए थे। इस हमले में समाजवादी पार्टी के कई समर्थकों को चोटे आई थी। आरोप है कि नंदी और उनके समर्थकों ने समाजवादी पार्टी के दलित कार्यकर्ताओं को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए गालियां भी दी थी।