प्रयागराज।किसी के मन की बात को जानने वाले बड़ी- बड़ी समस्याओं का हल चुटकियों में करने का दावा करने वाले बागेश्वर धाम सरकार के कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है।नागपुर की एक संस्था ने धीरेंद्र शास्त्री को पहले ही चुनौती दी थी।अब संगम की रेती पर लगे माघ मेले में मौजूद संत महात्माओं ने धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा है।
माघ मेले में मौजूद दंडी सन्यासियों ने साफ तौर पर कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री कतई संत नहीं है,वह ढोंगी और पाखंडी हैं।आने वाले दिनों धीरेंद्र शास्त्री संत समाज के लिए बदनामी और मुसीबत का सबब बन सकते हैं।उनका अंजाम भी निर्मल बाबा और आसाराम बापू की तरह हो सकता है।दंडी सन्यासियों ने कहा है कि वह लोग जल्द ही माघ मेले में दूसरे धर्माचार्यों के साथ भी बैठक करेंगे और धीरेंद्र शास्त्री के बारे में कोई फैसला लेंगे।
दंडी सन्यासियों ने धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रमों में जुड़ने वाले श्रद्धालुओं को वहां नहीं जाने के लिए सलाह दी है।संन्यासियों ने साफ तौर पर कहा है कि धीरेंद्र शास्त्री का यह काम सीधे तौर पर अंधविश्वास और जादू टोने के बढ़ावा देने वाला है। विज्ञान के दौर में ऐसा कतई नहीं होना चाहिए। धीरेंद्र शास्त्री श्रद्धालुओं की भावनाओं से खेल रहे हैं।
माघ मेले में मौजूद संतों का कहना कि दिव्य शक्ति को तंत्र साधना से हासिल तो किया जा सकता है,लेकिन यह बहुत कठिन साधना होती है।संतों कहना है कि जिसके पास इस तरह की शक्ति होती है वह उसका उपयोग देश और समाज के लिए करता है न की मार्केटिंग और प्रचार के लिए करता है। वह इवेंट मैनेजमेंट कर रहे हैं।वह जिस तरीके का इवेंट आयोजित करते हैं ऐसा कोई संत कतई नहीं करता।संतों ने धीरेंद्र शास्त्री को भी सनातन परंपरा की आड़ में लोगों को बेवकूफ बनाने से बचने की सलाह दी है।
बता दें कि बागेश्वर धाम के कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री को लेकर इन दिनों देश में घमासान मचा है।धीरेंद्र शास्त्री का दावा है कि उनके पास दिव्य शक्ति है,जिससे वे किसी के भी मन की बात को जान लेते हैं। धीरेंद्र शास्त्री के इस दावे पर संतों से लेकर अलग-अलग वर्गों की प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं।
ऐसा नहीं है,बागेश्वर बाबा जन हित व हिन्दू धर्म का प्रसार कर रहे हैं