Sunday, May 28, 2023

मौत को मात देने वाले मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का पुनर्प्राप्त जन्म दिवस कल

- प्राचीन मनोकामनापूर्ति मंदिर में सपरिवार और हजारों समर्थकों के साथ करेंगे रुद्राभिषेक पूजन
- आसपास के जनपदों, विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में पहुंचेंगे लोग

10 वर्ष पूर्व यानी 12 जुलाई 2010 का दिन था। वर्तमान में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्‍ता नंदी पर शहर के बहादुरगंज में रिमोट कंट्रोल आरडीएक्स बम से हमला हुआ था। जिसमें एक सुरक्षा कर्मी और एक पत्रकार को मौत हो गई थी। वहीं मंत्री नन्दी बम ब्‍लास्‍ट में गंभीर रूप से जख्‍मी हुए थे। हजारों समर्थकों और चाहने वालों के स्नेह और आशीर्वाद के बल पर लगातार चार महीने इलाज के बाद वे स्वस्थ हुए थे। तब से लेकर अब तक प्रत्‍येक वर्ष मंत्री नन्दी 12 जुलाई को अपना ‘पुनर्प्राप्त जन्मदिवस’ मनाते हैं।

प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी मंत्री नन्दी 12 जुलाई को अपने परिवार, हजारों समर्थकों, कार्यकर्ताओं के साथ पुनर्प्राप्त जन्म दिवस मनाएंगे।
12 जुलाई को दोपहर 3.00 बजे मंत्री नन्दी बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामना पूर्ति मंदिर में रुद्राभिषेक और प्रसाद वितरण करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में शहर के साथ ही गंगापार, यमुनापार, कौशांबी, प्रतापगढ़ के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों के लोग सम्मिलित होंगे।

सोमवार को मंत्री नन्दी ने सिविल लाइंस में चार्टर्ड एकाउंटेंट अजय कुमार अग्रवाल जी, मुट्ठीगंज में विजय केसरवानी जी, कीडगंज में मिथिलेश हेला जी, लल्लू लाल गुप्ता सौरभ जी के घर पर जाकर मुलाकात के बाद शाम को पुनर्प्राप्त जन्म दिवस की तैयारियों का निरीक्षण किया। इस दौरान एसपी ट्रैफिक, एसपी सिटी, सीओ कोतवाली, सीओ बैरहना मौजूद रहे।

मनोकामना पूर्ति मंदिर से है अटूट आस्था

गौरतलब है कि 12 जुलाई 2010 में बहादुरगंज के इसी मंदिर (जहां आज रुद्राभिषेक हुआ) के सामने नंदी पर बम ब्‍लास्‍ट हुआ था। वह गंभीर रूप से जख्‍मी हुए थे। लंबे इलाज के बाद वह स्‍वस्‍थ हुए थे। मंत्री नंदी का मानना है कि अगर आज वो यहां तक पहुंचे हैं और जीवित हैं तो इसी मंदिर की वजह से। उनका इस मंदिर और शंकर भगवान में अटूट आस्था है, मंत्री ने बताया कि उसके बाद से ही हर साल वो 12 जुलाई को वो अपना ‘पुनर्प्राप्त जन्मदिवस’ मनाते हैं।

प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का जीवन शुरू से चुनौतियों भरा रहा। इलाहाबाद के बहादुरगंज मुहल्ले में 23 अप्रैल 1974 को जन्मे नन्दी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। मां विमला देवी घर में सिलाई, बुनाई करती थीं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते नंदी सिर्फ इंटरमीडिएट तक ही पढ़ सके। वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते। मोहल्ले में सबसे पहले उनके घर में टेलीविजन आया तो बच्चों को पचास पैसे में उन्होंने महाभारत भी दिखाई। आर्थिक स्थिति सुधरने पर 1992 में मिठाई की दुकान लगाई। इसके बाद ट्रक लिया और फिर घी और दवाओं की एजेंसी ली। 1994 में रिश्तेदार के साथ ईट भट्टे का बिजनेस शुरू किया। आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर नन्दी ग्रुप ऑफ कंपनीज बना ली।

शुरू हुआ सियासी सफर


वर्ष 2007 में बसपा के साथ मिलकर सियासी पारी खेलने उतरे नन्दी ने शहर दक्षिणी से चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता केशरी नाथ त्रिपाठी और कांग्रेस की रीता बहुगुणा जोशी को हराया। इनाम के रूप में बसपा सुप्रीमो मायावती ने उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया।

12 जुलाई 2010 को जानलेवा हमले के बाद चार महीने नन्दी हॉस्पिटल में भर्ती रहे।
2012 के चुनाव में नंदी सपा प्रत्याशी हाजी परवेज अहमद से 414 मतों से पराजित हुए।
इसके बाद उनकी पत्‍‌नी अभिलाषा गुप्ता 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में महापौर चुनी गई।
2014 लोकसभा चुनाव में मंत्री नन्दी कांग्रेस के टिकट से इलाहाबाद के प्रत्याशी रहे और एक लाख से अधिक मत हासिल किया। इसे देखते हुए कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में उन्हें मंडल प्रचार प्रभारी बनाया।


राजनीतिक करियर
2007 में प्रयागराज शहर दक्षिण से बसपा एमएलए और सरकार में कैबिनेट मंत्री।
2012 में सपा कैंडिडेट हाजी परवेज से 400 वोटों से पराजित।
2014 में कांग्रेस के टिकट से इलाहाबाद लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और भाजपा के श्यामाचरण गुप्त से पराजित हुए।
2017 विधानसभा चुनाव में भाजपा में शामिल होकर इलाहाबाद दक्षिण सीट से चुनाव जीते।
2022 में फिर प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत कर विधायक और कैबिनेट मंत्री बने

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