लखनऊ।उत्तर प्रदेश में बारिश का मौसम इस वर्ष बेजार ही गया है।मानसून से मिली मायूसी के चलते सबसे ज्यादा प्रभाव किसानों पर पड़ा है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब इस मामले पर संज्ञान लिया है।उन्होंने प्रदेश के सभी 75 जिलों में किसानों को होने वाले नुकसान से राहत देने के लिए जिलाधिकारियों अधिकारियों को सर्वे करने का आदेश दिया है।आंकड़े बताते हैं कि यूपी के 75 जिलों में से 62 जिलों में इस बार औसत से कम बारिश हुई है।
लापरवाही या देरी न करने की हिदायत
यूपी में मानसून की कम बारिश की वजह से सूखे जैसे हालात बनते दिख रहे हैं।इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में सूखे की स्थिति का सर्वेक्षण करने के लिए सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।उनसे बारिश कम होने से होने वाले नुकसान की सात दिन में रिपोर्ट भी तलब की गई है। अधिकारियों को इस मामले में लापरवाही या देरी न करने की हिदायत दी गई है।सीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि देरी या लापरवाही के जिम्मेदार जिलाधिकारी स्वयं होंगे।
सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर होगा योजना का निर्माण
सीएम योगी के आदेश के मुताबिक कम बारिश से प्रभावित जिलों में लगान वसूली स्थगित कर दी गई है।किसानों से ट्यूबवेल के बिलों की वसूली भी स्थगित रहेगी। इतना ही नहीं किसी भी किसान का ट्यूबवेल कनेक्शन भी नहीं काटा जाएगा।सीएम ने सभी प्रभावित जिलों में बिजली आपूर्ति को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।किसानों की स्थिति का सही सर्वेक्षण कर उनकी दिक्कतों को कम करने का आदेश दिया गया है।
दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज उपलब्ध कराने के निर्देश
इसके अलावा दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज किसानों को उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है।मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया है कि सिंचाई विभाग किसानों को राहत देते हुए सिंचाई के लिए नहरों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. वहीं, सीएम ने निर्देशित किया है कि किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जी के बीज उपलब्ध कराने के लिए व्यवस्था की जाए. इस मामले में जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द अपने जनपदों की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
आपको बता दें कि बीते कई दिनों से किसानों की समस्याओं को देखते हुए राहत योजना लाने की मांग की जा रही थी। उम्मीद है कि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर किसानों की दिक्कतों को कम करने का भरसक प्रयास किया जाएगा।