हाईकोर्ट ने माफिया मुख्तार के भाई सांसद अफजाल अंसारी की गैगस्टर केस न चलाने की याचिका की खारिज

0
120


इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आज माफिया मुख्तार के भाई व गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उनके खिलाफ गाजीपुर जिला कोर्ट में गैंगेस्टर केस की चल रही सुनवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी। सांसद अफजाल ने गाजीपुर के स्पेशल जज एमपी /एमएलए कोर्ट द्वारा 4 अगस्त 2022 को खारिज डिस्चार्ज अर्जी तथा 23 सितंबर 2022 को उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम किए जाने के आदेश को याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए निर्णय दिया कि यदि कोई आरोपी गैंग चार्ट के किसी केस से बरी भी हो जाता है तो भी उसे गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत दंडित किया जा सकता है।

यह आदेश जस्टिस डीके सिंह ने सांसद अफजाल अंसारी की दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 482 के अंतर्गत दाखिल अर्जी को खारिज करते हुए दिया है। याची की तरफ से बहस कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता दिलीप गुप्ता का कहना था कि याची के खिलाफ वर्ष 2005 में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में दर्ज प्राथमिकी को लेकर वर्ष 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई गई। बहस की गई की दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में आरोपी याची वह भाई मुख्तार अंसारी समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया है इस कारण अब उसी केस को लेकर गैंगेस्टर एक्ट में मुकदमा चलाना गलत है। याची ने अपने को मोहम्मदाबाद गाज़ीपुर से 5 बार विधायक चुने जाने तत्पश्चात सांसद चुने जाने की दलील पेश करते हुए अपने को सामाजिक कार्यकर्ता बताया तथा कहा कि उसके
खिलाफ गैंगस्टर में मुकदमा नहीं चलाया जा सकता।

दूसरी तरफ प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता एम सी चतुर्वेदी ने सांसद की याचिका का विरोध करते हुए कहा की सीबीआई कोर्ट से बरी होने के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में अपील दाखिल है जो मंजूर हो गई है। कहा गया कि याची अपराधियों के खूंखार गैंग का सक्रिय सदस्य है। यह गैंग हत्या, लूट, अपहरण, फिरौती आदि के कार्यों में सक्रिय रूप से शामिल है। इस गैंग के सदस्यों के खिलाफ कोई गवाही देने के लिए भयवश सामने नहीं आता। इस गैंग ने अपने इस खौफनाक अपराधिक घटनाओं के चलते अकूत दौलत कमाई है। इस गैंग का लीडर मुख्तार अंसारी जेल से ही गैंग को संचालित करता है। यह भी कहा गया कि याची सांसद अफजाल के खिलाफ 7 अपराधी केस गैंग चार्ट में शामिल है तथा इसके भाई माफिया मुख्तार के खिलाफ 54 केस गैंग चार्ट में शामिल है।

याचिका खारिज करते हुए कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि गैंगस्टर एक्ट का उद्देश्य संगठित अपराध को रोकना है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर यह साबित हो जाता है कि गैंग का कोई सदस्य स्वयं या गैंग के किसी सदस्य के साथ अपने या गैंग के फायदे के लिए अपराध कारित करता है तो उसे गैंगस्टर एक्ट के तहत दंडित किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here